भारत बना दुनिया का नया निवेश हॉटस्पॉट: प्रीति अग्रवाल
भारत सरकार ने FPI (Foreign Portfolio Investment) और FDI (Foreign Direct Investment) से जुड़े आंकड़े जारी किए, जिसने दुनिया भर के निवेशकों का ध्यान खींचा। वर्ष 2024-25 में भारत ने अब तक का सबसे ऊँचा विदेशी निवेश आकर्षित किया है — लगभग 112 बिलियन डॉलर। यह न केवल भारत की आर्थिक नीतियों में भरोसे का संकेत है, बल्कि देश को ‘एशिया का निवेश गढ़’ बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर भी है।
निवेशकों की पहली पसंद?
1. मजबूत आर्थिक वृद्धि
भारत की GDP विकास दर 2024-25 में 7.2% रही, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज है। विनिर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवा क्षेत्र में जबरदस्त विस्तार देखने को मिला।
2. नीतिगत स्थिरता और सुधार
PM Gati Shakti योजना के अंतर्गत लॉजिस्टिक्स और परिवहन ढांचे में सुधार।
PLI (Production Linked Incentive) योजनाओं का प्रभाव इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और ऑटो सेक्टर में स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है।
टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
3. भू-राजनीतिक परिस्थिति
चीन पर निर्भरता कम करने की वैश्विक प्रवृत्ति के चलते कंपनियां भारत को ‘चाइना प्लस वन’ रणनीति के तहत प्रमुख उत्पादन केंद्र मान रही हैं।
किस क्षेत्र में आया सबसे अधिक निवेश?
क्षेत्र निवेश ($ बिलियन) वृद्धि दर
इंफ्रास्ट्रक्चर 29.3 +18%
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग 21.8 +25%
ग्रीन एनर्जी (सोलर, हाइड्रोजन) 16.5 +40%
फार्मास्युटिकल्स 11.7 +14%
फिनटेक और डिजिटल सेवाएं 9.6 +31%
शेयर बाजार पर असर
विदेशी निवेश की इस बाढ़ ने भारत के शेयर बाजारों में भी ऊर्जा भर दी है। Nifty और Sensex दोनों ने नई ऊँचाई को छुआ:
Nifty 50: 25,637 अंक (YoY वृद्धि: 17%)
Sensex: 84,058 अंक (YoY वृद्धि: 15.5%)
विशेष रूप से मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में तेजी रही, जिससे खुदरा निवेशकों को भी मुनाफा हुआ।
रोजगार और स्टार्टअप को मिला बल
Startup India 2.0 के तहत 1200 नए स्टार्टअप्स को फंडिंग मिली।
ग्रीन हाइड्रोजन, EV और एग्रीटेक जैसे क्षेत्रों में युवाओं को व्यापक रोजगार मिला।
भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Startup Ecosystem बन चुका है।