घर पर नकदी और 84% टैक्स की चर्चा: नए नियम क्या हैं? CWM Preeti Agarwal
हाल ही में घर पर रखी नकदी पर 84% के टैक्स की चर्चा ने कुछ करदाताओं में चिंता बढ़ा दी है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा कोई सामान्य टैक्स नहीं है। यह दर सिर्फ उन मामलों में लागू होती है जहां नकदी को अनस्पष्ट आय (unexplained income) माना जाता है और आयकर अधिनियम की धारा 68, 69, 69A या 69B के तहत टैक्स लगाया जाता है। इसमें 60% बेसिक टैक्स और 25% सरचार्ज लगता है, जिससे टैक्स की दर लगभग 78% हो जाती है। यदि यह राशि रिटर्न में छुपाई जाती है और बाद में पकड़ी जाती है, तो 10% अतिरिक्त जुर्माना भी लग सकता है, जिससे कुल टैक्स लगभग 84% हो जाता है।
बड़ी नकदी निकासी पर भी नजर रखी जाती है। सेविंग्स अकाउंट से साल में 10 लाख रुपये या ज्यादा निकासी और करंट अकाउंट से 50 लाख रुपये या ज्यादा निकासी की रिपोर्ट बैंक को देनी होती है। इसके अलावा, 1 करोड़ से ज्यादा की निकासी पर TDS लगता है। यदि निकासी घोषित आय से मेल नहीं खाती, तो टैक्स विभाग को रेड फ्लैग मिलता है।
2 लाख रुपये या ज्यादा एक ही दिन में नकदी लेना या देना, संपत्ति डील में नकदी लेना या नकद लोन देना जैसे लेन-देन पर भी भारी जुर्माना लग सकता है। इसलिए, बड़ी नकदी लेन-देन के लिए बैंक स्लिप, पे-इन स्लिप, अनुबंध आदि का रिकॉर्ड रखना जरूरी है। AIS और फॉर्म 26AS चेक करके अपने ट्रांजैक्शन और रिटर्न में मेल बिठाना भी जरूरी है। ऐसा करने से आप नकदी को अनस्पष्ट आय के रूप में वर्गीकृत होने और भारी टैक्स लगने से बच सकते हैं।









