Explosive Demonstration Of Farmers In Khairagarh : श्री सीमेंट की सण्डी लाइमस्टोन खदान के खिलाफ 39 गांवों का संयुक्त विरोध

खैरागढ़। जिले में प्रस्तावित श्री सीमेंट लिमिटेड की सण्डी चूना पत्थर खदान और सीमेंट परियोजना के खिलाफ जनविरोध चरम पर पहुंच गया है। शनिवार को क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के हजारों किसान 200 से अधिक ट्रैक्टर–ट्रालियों के विशाल काफिले के साथ छुईखदान की ओर कूच कर गए। महिलाओं, युवाओं और बुज़ुर्गों की भारी भागीदारी ने इस विरोध को एक बड़े जनआंदोलन का रूप दे दिया।

किसान हल्ला-बोल रैली को पुलिस ने रोका, फिर भी ग्रामीण पैदल पहुंचे SDM कार्यालय

जब किसान काफिले के साथ छुईखदान की सीमा के करीब पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। बावजूद इसके ग्रामीण पीछे नहीं हटे और पैदल मार्च करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंच गए।
वहां किसानों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि 11 दिसंबर को प्रस्तावित जनसुनवाई को तत्काल रद्द किया जाए। ग्रामीणों का आरोप है कि जनसुनवाई पूरी तरह एक औपचारिकता बनकर रह गई है और उनकी आपत्तियों की अनदेखी की जा रही है।

39 गांवों का लिखित विरोध — पंचायतों ने भी दिखाई एकजुटता

प्रस्तावित खदान क्षेत्र के 10 किलोमीटर दायरे में आने वाले 39 गांवों ने लिखित आपत्ति दर्ज कराते हुए परियोजना का कड़ा विरोध किया है।

इन पंचायतों ने ग्रामसभा प्रस्तावों में साफ कहा है कि—

  • सण्डी

  • पंडारिया

  • विचारपुर

  • भरदागोड़

किसी भी स्थिति में चूना पत्थर खदान को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

ग्रामीणों की चिंताएं: जलस्रोत, खेती और पर्यावरण पर संकट

ग्रामीणों का कहना है कि यदि खदान शुरू हुई तो—

  • क्षेत्र के जलस्रोत सूखने का खतरा,

  • कृषि भूमि बंजर होने की आशंका,

  • पशुपालन प्रभावित होगा,

  • धूल और प्रदूषण से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा।

किसानों का कहना है कि परियोजना से उन्हें रोजगार नहीं, बल्कि विस्थापन और विनाश मिलेगा।

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