कार खरीदते वक्त पूरी रकम देने के बजाय लोन लेना क्यों है फायदे का सौदा? प्रीति अग्रवाल
कई सालों तक यही समझा जाता था कि कार खरीदने का सबसे अच्छा तरीका है—पूरी रकम का भुगतान कर देना, ताकि कोई ईएमआई या ब्याज का झंझट न हो. लेकिन वित्तीय विशेषज्ञ प्रीति अग्रवाल के अनुसार, आज का स्मार्ट तरीका यह है कि पूरी बचत खर्च करने के बजाय थोड़ी रकम डाउन पेमेंट करें और बाकी पैसे निवेश में लगाएं.
मान लीजिए आपके पास ₹20 लाख हैं और इतनी ही कीमत की कार खरीदनी है.
पहला विकल्प: पूरी रकम देकर कार खरीद लें. कार तो मिल जाएगी, लेकिन बैंक खाता खाली हो जाएगा.
दूसरा विकल्प: ₹5 लाख डाउन पेमेंट करें, ₹15 लाख का कार लोन लें (5 साल के लिए 9% पर) और बाकी ₹15 लाख एक अच्छे म्यूचुअल फंड में लगाएं, जो औसतन 11% वार्षिक रिटर्न देता है.
गणित देखें:
5 साल में लोन पर ब्याज = ₹3.6 लाख
निवेश की बढ़त = ₹10.8 लाख
नेट फायदा = ₹7.2 लाख (निवेश की बढ़त – लोन का ब्याज)
इस तरीका में आपकी जमा पूंजी केवल खर्च नहीं होती, बल्कि कार की ईएमआई चुकाते-चुकाते आपका निवेश तेजी से बढ़ता है और कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. अगले बार जब कभी बड़ी खरीददारी के लिए पूरा कैश देने का मन बने, तो सोचिए—क्या केवल मालिक बनना चाहते हैं या समझदारी से निवेश कर, संपत्ति भी बनाना चाहते हैं?
नोट: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं. निवेश सलाह डॉक्यूमेंट ध्यान से पढ़ें.









