2026 से ITR फाइलिंग में बड़े बदलाव: रिफंड और TDS पर असर: प्रीति अग्रवाल

आयकर रिटर्न (ITR) भरने के नियम 2026 से बदलने जा रहे हैं और इसका सीधा असर टैक्सपेयर्स पर पड़ेगा। सरकार ने प्रक्रिया को आसान और कम तनावपूर्ण बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं। सबसे अहम बदलाव यह होगा कि यदि कोई करदाता समय पर ITR दाखिल नहीं कर पाता है, तो उसे अब भारी-भरकम जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा। इसका मकसद लोगों को बिना दबाव के समय पर अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही, रिफंड प्रक्रिया को तेज और अधिक पारदर्शी बनाने की योजना है ताकि करदाताओं को पैसे वापसी के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े।

The Finocrats का मानना है कि TDS (Tax Deducted at Source) की प्रणाली में भी सुधार देखने को मिल सकता है, जिससे आम करदाताओं को जटिलताओं का सामना कम करना पड़ेगा। इन बदलावों के बाद टैक्स फाइलिंग अनुभव ज्यादा सहज होगा और करदाता न सिर्फ समय बचा पाएंगे बल्कि वित्तीय बोझ से भी राहत महसूस करेंगे। कुल मिलाकर, 2026 से शुरू होने वाला यह नया ढांचा टैक्स प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, लचीला और करदाताओं के हित में बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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