बारिश से परेशान नगरवासी बोले– घरों में घुसा पानी, कब मिलेगी राहत?

हिमाचल प्रदेश में हालात बेहद गंभीर हैं। 20 जून से 6 जुलाई तक राज्य में बादल फटने की 19 घटनाएं दर्ज हुई हैं। इसके अलावा 23 बार बाढ़ और 19 बार भूस्खलन की घटनाएं हुईं। बारिश, भूस्खलन और इससे हुए सड़क हादसों में अब तक 82 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे प्रदेश में 269 सड़कों पर यातायात ठप है।

उत्तराखंड में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। श्रीनगर इलाके में मूसलाधार बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुआ, जिससे बद्रीनाथ हाईवे पूरी तरह बंद हो गया है। हाईवे पर मलबा हटाने का काम चल रहा है, लेकिन रुक-रुककर हो रही बारिश के चलते राहत कार्य में लगातार बाधा आ रही है। सुरक्षा के लिए वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।

07 July Horoscope : इस राशि के जातकों को मिलने वाली है सफलता, सोच-समझकर करें निवेश, जानिए अपना राशिफल …

मध्यप्रदेश में मानसून का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। शहडोल जिले में बीते 24 घंटे में करीब 4 इंच बारिश हुई। आधी रात को 3 हजार से ज्यादा घरों में पानी घुस गया। इससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान होने की आशंका है।

अयोध्या में सरयू नदी खतरे के करीब पहुंच गई है। नदी का जलस्तर 91.35 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी स्तर से सिर्फ 20 सेंटीमीटर नीचे है। बीते 24 घंटे में जलस्तर में 24 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज हुई। यही रफ्तार जारी रही तो आज रात तक पानी चेतावनी स्तर पार कर सकता है। यहां चेतावनी स्तर 91.55 मीटर और डेंजर लेवल 92.73 मीटर है।

छत्तीसगढ़ में भी बारिश का कहर जारी है। सरगुजा संभाग सबसे ज्यादा प्रभावित है। अंबिकापुर में कई घरों में पानी भर गया। सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन गई। कई कारें तीन फीट तक पानी में डूब गईं। नेशनल हाईवे-343 समेत अंबिकापुर-राजपुर मुख्य मार्ग पर नदियां पुल के ऊपर से बह रही हैं, जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप है।

About The Author