काली राख बनी काल: उद्योगों की उड़ती धूल से घर-आंगन तक जहरीली परत

धरसीवां. घर-घर औद्योगिक प्रदूषण हर घर औद्योगिक प्रदूषण यह कोई जुमला नहीं बल्कि औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के आसपास के दर्जनों गांवों की हकीकत है. हवा का एक झोंका औद्योगिक इकाइयों की काली राख हवा में उड़ाकर घर-घर पहुंचा देता है, जिससे क्षेत्रवासियों का जीना हराम हो गया है. ऐसा नजारा आज भी देखने को मिला.

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गुरुवार दोपहर करीब दो बजे अचानक मौसम बदला ओर तेज हवा चलने लगी. इस हवा के साथ हमेशा की तरह औद्योगिक इकाइयों की काली डस्ट वायुमंडल में घुलकर न सिर्फ राहगीरों के लिए मुसीबत बनी अपितु दर्जनों गांवों तक घर-घर पहुंची.

ढाई बजे जब बारिश शुरू हुई तब थोड़ी औद्योगिक राखड़ से मुक्ति मिली. औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा के फेस टू का गुरुवार दोपहर करीब दो बजे का ये नजारा देखकर आप समझ सकते हैं कि सरकारें बदल गई. विधायक बदल गए पर धरसीवां क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर नहीं बदल पाई है.

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