Maoist Cadre Surrenders : छत्तीसगढ़ पुलिस को बड़ी कामयाबी, 41 माओवादी हुए सरेंडर
Maoist Cadre Surrenders , बीजापुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधियों के खिलाफ चल रही मुहिम को एक और बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले में पुलिस की “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” पहल के तहत कुल 41 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में 12 महिला और 29 पुरुष माओवादी शामिल हैं। इन सभी पर कुल 1 करोड़ 19 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ये सभी कैडर लंबे समय से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे और कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे थे। प्रशासन व पुलिस की लगातार रणनीतिक कार्रवाई, सुरक्षा बलों की बढ़ी मौजूदी और पुनर्वास नीति के प्रभाव से ये लोग मुख्यधारा में लौटने के लिए आगे आए हैं।
बीजापुर पुलिस का कहना है कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी लगातार जंगलों में कठिन परिस्थितियों से परेशान थे। सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई और माओवादी संगठन के भीतर बढ़ती अव्यवस्था के कारण उन्होंने हथियार छोड़ने का फैसला लिया। आत्मसमर्पण के दौरान सभी ने हिंसा छोड़कर शांतिपूर्ण जीवन जीने की इच्छा जताई।
“पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” योजना के तहत सरकार माओवादी कैडरों को आर्थिक सहायता, नौकरी के अवसर, आवास और सुरक्षा प्रदान करती है, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन शुरू कर सकें। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन 41 नक्सलियों को भी सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे स्थायी रूप से मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
अधिकारियों ने कहा कि यह आत्मसमर्पण नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी सफलता है और यह इस बात का संकेत है कि नक्सली हिंसा का प्रभाव लगातार कमजोर हो रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले समय में और भी माओवादी हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटेंगे।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे जिलों में चल रही इस पहल ने कई परिवारों को नई शुरुआत का मौका दिया है। यह घटना सुरक्षा बलों के प्रयासों और सरकार की पुनर्वास नी









