कोरबा के कोरकोमा में धान खरीदी प्रभावित, मंडी में अब तक एक भी किसान का पंजीयन नहीं, अप्रशिक्षित कर्मचारियों और हड़ताल के कारण व्यवस्था ठप
कोरबा। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन कई जिलों में तैयारी और व्यवस्था की भारी कमी देखने को मिल रही है। इसी कड़ी में कोरबा के कोरकोमा ग्राम पंचायत की मंडी में स्थिति गंभीर होती जा रही है, जहां अब तक एक भी किसान का पंजीयन नहीं हो पाया है। इससे किसानों में भारी नाराज़गी है और धान खरीदी पर सीधा असर पड़ रहा है।
सहकारी समितियों की हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्था
राज्य भर में सहकारी समितियों के हजारों कर्मचारी—प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर और दैनिक वेतनभोगी—3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस वजह से धान खरीदी केंद्रों की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। कई केंद्रों पर न तो पंजीयन हो पा रहा है और न ही धान की तौल।
कोरकोमा में और बिगड़ी स्थिति: अप्रशिक्षित कर्मचारी बने समस्या
कोरकोमा धान खरीदी केंद्र में स्थिति और भी खराब बताई जा रही है। यहां पर हड़ताल के बीच अप्रशिक्षित कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई, लेकिन प्रशिक्षण के अभाव में वे पंजीयन और तकनीकी प्रक्रियाओं को समझ नहीं पा रहे हैं।
इस कारण:
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आज तक एक भी किसान का पंजीयन नहीं हुआ
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धान खरीदी पूरी तरह ठप है
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किसान भटकते हुए केंद्र के चक्कर काट रहे हैं
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मंडी में धान लेकर पहुंचे किसानों को बिना काम लौटना पड़ रहा है
किसानों में गहरी नाराजगी
स्थानीय किसानों का कहना है कि:
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हर साल तय तारीख पर खरीदी शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार कोई व्यवस्था नहीं है।
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सिस्टम बंद पड़ा है और अधिकारी-कर्मचारियों का कोई स्पष्ट मार्गदर्शन नहीं है।
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हड़ताल और अप्रशिक्षित कर्मचारियों की लापरवाही का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है।
एक किसान ने बताया—
“धान तैयार है, घर में जगह नहीं है, लेकिन खरीदी केंद्र में कुछ भी शुरू नहीं हुआ है। पूरा दिन लाइन में खड़े रहने के बाद भी पंजीयन नहीं हो रहा।”
प्रशासन पर सवाल
केंद्र में खरीदी शुरू न होने से किसानों का सवाल है कि:
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हड़ताल की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं बनाई गई?
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धान खरीदी जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया को अप्रशिक्षित कर्मचारियों के भरोसे क्यों छोड़ दिया गया?
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कब तक खरीदी शुरू होगी इसकी कोई स्पष्ट जानकारी क्यों नहीं दी जा रही?









