रिटायरमेंट प्लानिंग पर जोर: 30, 40 और 50 की उम्र में सही निवेश से बनेगा करोड़ों का फंड, बढ़ती महंगाई में फाइनेंशियल सेफ्टी जरूरी: प्रीति अग्रवाल
बढ़ती महंगाई और अस्थिर आर्थिक माहौल में भविष्य की सुरक्षा के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग अब सिर्फ विकल्प नहीं, बल्कि ज़रूरत बन चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते सही रणनीति अपनाई जाए, तो 60 साल की उम्र तक करोड़ों रुपये का फंड जमा करना संभव है—वो भी बिना किसी आर्थिक बोझ के।
30 की उम्र रिटायरमेंट के लिए निवेश की शुरुआत करने का सबसे अनुकूल समय है। इस उम्र में समय सबसे बड़ा दोस्त होता है, और कंपाउंड इंटरेस्ट का फायदा लंबी अवधि तक मिलता है।
हर महीने SIP में निवेश कर सकते हैं, जिसमें औसतन 12% तक का रिटर्न संभव है।
इक्विटी म्यूचुअल फंड, NPS और टर्म इंश्योरेंस जैसे साधनों का प्रयोग करें।
फाइनेंशियल प्लानिंग शुरू करने का इस उम्र में सबसे बड़ा फायदा यह है कि आगे जाकर आपको कम बचत में भी बड़ा फंड मिल सकता है।
40 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं जैसे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य खर्च आदि। ऐसे में रिटायरमेंट को लेकर लापरवाही खतरनाक हो सकती है।
SIP के जरिए मध्यम से उच्च निवेश करें।
NPS और EPF जैसे सुरक्षित और टैक्स सेविंग विकल्पों पर फोकस करें।
स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा ज़रूर लें, क्योंकि भविष्य की अनिश्चितताओं को टालना मुश्किल है।
पोर्टफोलियो में इक्विटी और डेट का संतुलन बनाए रखें।
50 की उम्र: सुरक्षा और स्थिरता का समय, जब रिटायरमेंट सिर्फ 10 साल दूर हो, तब रिस्क घटाकर स्थिर और सुरक्षित फंड पर ध्यान देना जरूरी होता है।
इक्विटी निवेश को धीरे-धीरे डेट इंस्ट्रूमेंट्स (जैसे PPF, FD, डेट म्यूचुअल फंड) में ट्रांसफर करें।
हालांकि, पूरी तरह इक्विटी से बाहर निकलने से बचें ताकि मुद्रास्फीति से मुकाबला किया जा सके।
NPS और सीनियर सिटिजन स्कीम्स, पोस्ट ऑफिस इनकम योजना पर ध्यान दें।
विशेषज्ञों की सलाह:
जितना जल्दी प्लानिंग शुरू करेंगे, उतना ही फाइनेंशियल स्ट्रेस कम होगा।
रिटायरमेंट फंड को सिर्फ सेविंग नहीं, स्मार्ट इन्वेस्टमेंट से जोड़ना होगा।
नियमित रिव्यू और पोर्टफोलियो बैलेंसिंग जरूरी है।
रिटायरमेंट कोई दूर का सपना नहीं, बल्कि आज की जागरूकता से ही कल का आत्मनिर्भर जीवन संभव है। चाहे आपकी उम्र 30, 40 या 50 हो—अगर आप सही दिशा में निवेश शुरू करें, तो रिटायरमेंट के बाद एक सुरक्षित, सम्मानजनक और तनावमुक्त जीवन ज़रूर पा सकते हैं।









