एग्री-टेक से उत्पादकता में वृद्धि संभव, लेकिन ढांचागत चुनौतियाँ बनी हुई हैं: प्रीति अग्रवाल

भारत का कृषि क्षेत्र तेजी से तकनीकी नवाचारों को अपना रहा है जो उत्पादकता बढ़ाने, लागत घटाने और किसानों को सशक्त बनाने का वादा करते हैं। इन नवाचारों में एग्री-ड्रोन और डिजिटल कृषि प्रमुख हैं।

कृषि में ड्रोन के उपयोग को अब बड़े पैमाने पर बढ़ाया जा रहा है, क्योंकि ये मैन्युअल स्प्रेयर की तुलना में 10 गुना अधिक क्षेत्र एक दिन में कवर कर सकते हैं। हाल ही में कृषि मंत्रालय द्वारा आयोजित एग्री स्टैक पर राष्ट्रीय सम्मेलन और चेन्नई में गरुड़ एयरोस्पेस की एग्री-ड्रोन इंडीजेनाइजेशन फैक्ट्री का शुभारंभ इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। यह फैक्ट्री अगले दो वर्षों में एक लाख से अधिक ड्रोन बनाने में सक्षम होगी।

इसके अलावा, 300 उत्कृष्टता केंद्र (Centres of Excellence) की शुरुआत की गई है, जो ड्रोन निर्माण के क्षेत्र में कौशल विकास, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देंगे।

हालांकि, इन प्रौद्योगिकियों के उपयोग में अभी भी संरचनात्मक बाधाएं और कृषि क्षेत्र में व्यापक पहुंच की चुनौतियां बनी हुई हैं, जिनका समाधान किया जाना बाकी है।

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