आम आदमी को राहत, रिजर्व बैंक ने 0.5 फीसदी घटाया रेपो रेट, घटेगी EMI: प्रीति अग्रवाल

रिजर्व बैंक ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 50 आधार अंक यानी 0.5 फीसदी की बड़ी कटौती का ऐलान किया है. इस कटौती का असर सीधे तौर पर आम लोगों की जेब पर देखने को मिलेगा. खासतौर पर फ्लोटिंग लोन रेट की EMI में कमी आएगी.

रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी कटौती का ऐलान किया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में देश की इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए कई और भी फैसले लिए गए हैं. मसलन, रिजर्व बैंक ने रेपो रेट के साथ ही SDF रेट 5.75 फीसदी से घटाकर 5.25 फीसदी कर दी है. वहीं, MSF रेट को 6.25 फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है. इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा है कि धीरे-धीरे CRR में 100 आधार अंक यानी एक फीसदी तक कटौती की जाएगी. गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि MPC यानी मौद्रिक नीति समिति ने इकोनॉमी के मौजूदा हालात को देखते हुए अपनी नीति के रुख को ‘Accommodative’ से बदलकर ‘Neutral’ कर दिया है. इसका मतलब है कि आगे की मौद्रिक नीति अब इकोनॉमी के हालात पर निर्भर करेगी. अगर परिस्थितियां जैसी अभी हैं, वैसी ही बनी रहती हैं, तो आगे रेट कट की गुंजाइश नहीं होगी. वहीं, अगर इकोनॉमी को सपोर्ट करने के लिए नीतिगत बदलाव की जरूरत महसूस हुई, तो उसके मुताबिक फैसला किया जाएगा.

इससे पहले जनवरी और अप्रैल में हुई बैठकों में भी MPC ने रेपो रेट में 25-25 आधार अंक की कटौती की गई, जिसके बाद रेपो रेट 6 फीसदी पर आ गई. वहीं, आज की बैठक में हुई 50 आधार अंक की कटौती के साथ अब रेपो रेट 5.50 पर आ गई है. इस साल6 जनवरी से अब तक रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कुल 1 फीसदी की कटौती कर दी है.

रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट घटाए जाने का फायदा आम आदमी को बैंकों के जरिये मिलता है. आखिर में यह बैंक का फैसला होगा कि आपकी ब्याज दर में कितनी कटौती होगी.

THE FINOCRATS के नोट के अनुसार होम लोन की तरह ही रेपो रेट में कटौती का असर कार लोन पर भी देखने को मिल सकता है

बैंकों की तरफ से दो बेंचमार्क के आधार पर लोन दिया जाता है. EBLR यानी एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट और MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट. EBLR सीधे तौर पर रेपो रेट से लिंक है. इसका मतलब है कि जैसे ही रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में कटौती की जाती है, इस तरह के लोन की EMI में भी कटौती होती है. वहीं, MCLR बेस्ड लोन की EMI घटने में थोड़ा समय लगता है. इन दोनों को ही फ्लोटिंग रेट बोला जाता है.

Repo Rate वह ब्याज दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक की तरफ से सभी बैंको को पैसा उधार दिया जाता है. जब RBI की तरफ से इस दर में कमी की जाती है, तो बैंकों की तरफ से भी ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन की ब्याज दरें घटती हैं. इस तरह रेपो रेट का सीध असर आपकी EMI पर पड़ता है.

रिजर्व बैंक गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि FY26 के लिए महंगाई दर के अनुमान को घटाया गया है. CPI यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित महंगाई दर के अनुमान को पूरे FY26 के लिए 4 फीसदी से घटाकर 3.7 फीसदी कर दिया गया है. क्योंकि, RBI का मानना है कि बेहतर मानसून और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमोडिटी प्राइसेज में नरमी के चलते महंगाई काबू में बने रहने का अनुमान है.

मल्होत्रा ने देश की इकोनॉमी को लेकर कहा कि सामान्य से बेहतर मानसून और इसका जल्दी आना भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छा संकेत हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मौसम संबंधी अनिश्चितताओं के साथ ही वैश्विक व्यापार की नीतियों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. हालांकि, मोटे तौर पर मानसून की अनुकूल परिस्थितियों की वजह से आने वाले दिनों में ग्रामीण मांग बढ़ सकती है, जिससे इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.

About The Author