इन बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस हुआ आसान- कंपनियों ने नियम कर दिए आसान: प्रीति अग्रवाल

लाइफस्टाइल रिलेटेड बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस अधिक आसान होता जा रहा है. THE FINOCRATS के नोट के अनुसार बीमा कंपनियों ने अंडरराइटिंग नॉर्म्स को आसान बना दिया है, जिससे डायबिटीज, हार्ट डिजीज और अर्थराइटिस जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अधिक आसानी से कवरेज प्राप्त करने की सुविधा मिल गई है. स्टार हेल्थ, केयर हेल्थ, ABHI और निवा बूपा सहित कई बीमा कंपनियां अब वेल मैनेज्ड टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए उच्च HbA1c लेवल्स को स्वीकार करती हैं.

इस बदलाव से उन लोगों के लिए कवरेज का दायरा बढ़ गया है, जिन्हें पहले बॉर्डरलाइन या थोड़े बढ़े हुए शुगर लेवल्स के कारण कवरेज से वंचित कर दिया गया था. कई प्लान्स में बॉडी मास इंडेक्स (BMI) कटऑफ को भी संशोधित किया गया है. नोट में कहा गया है कि अधिक वजन वाले और हल्के मोटे व्यक्ति अब (Automatic rejection) या उच्च जांच (Higher scrutiny) का सामना किए बिना पॉलिसी के लिए आवेदन कर सकते हैं.

बीमा कंपनियों ने अन्य पुरानी बीमारियों (Chronic illnesses) को भी स्वीकार करने का दायरा बढ़ाया है. एप्लास्टिक एनीमिया, सोरियाटिक अर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis), ऑस्टियोआर्थराइटिस, हेपेटाइटिस बी और मिर्गी जैसी स्थितियां, जिन्हें अक्सर खतरे की घंटी माना जाता था, अब चुनिंदा प्लान्स में शामिल हैं.

हृदय रोग वाले व्यक्तियों को भी अधिक विकल्प मिल रहे हैं. स्टार हेल्थ और ABHI जैसी बीमा कंपनियों ने पहले से हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित आवेदकों को कवरेज देना शुरू कर दिया है. इन पॉलिसियों में वेटिंग पीडियड या लोडिंग शामिल हो सकती है, लेकिन अब वे blanket exclusions को ट्रिगर नहीं करती हैं

About The Author