New Cess On Tobacco 2025 : राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा उपकर विधेयक 2025 पास, पान मसाला और तंबाकू पर बढ़ेगा टैक्स, स्वास्थ्य व रक्षा दोनों होंगे मजबूत

New Cess On Tobacco 2025 : भारत की संसद ने सोमवार, 8 दिसंबर 2025 को देश के स्वास्थ्य ढांचे और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है। ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा उपकर विधेयक 2025 (National Health Security Cess Bill 2025)’ दोनों सदनों में पारित हो गया, जिसके बाद पान मसाला, तंबाकू और अन्य स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों पर अतिरिक्त सेस (Cess) लगाया जाएगा।यह नया टैक्स न केवल इन हानिकारक चीजों को महंगा बनाएगा, बल्कि इससे मिलने वाला राजस्व सीधे पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हाई-टेक डिफेंस सिस्टम की फंडिंग में इस्तेमाल होगा।

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पान मसाला और तंबाकू होंगे महंगे, बढ़ेगा टैक्स भार

बिल के लागू होने के बाद—
 पान मसाला
 सिगरेट
 तंबाकू उत्पाद
 अन्य डीमेरिट गुड्स

का निर्माण करने वाली यूनिट्स को विशेष उपकर (स्पेशल सेस) देना होगा। इससे इन उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी लगभग तय है।सरकार का तर्क है कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुएं सस्ती नहीं होनी चाहिए। इन पर टैक्स बढ़ाने से खपत कम होगी और समाज में स्वास्थ्य जोखिम भी घटेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी स्पष्टता

वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि—

  • यह टैक्स लगाने की शक्ति संविधान के अनुच्छेद 270 से मिलती है।

  • यह सेस दो बड़े मोर्चों को मजबूत करेगा:

    1. पब्लिक हेल्थ सिस्टम

    2. नेशनल सिक्योरिटी और हाई-टेक डिफेंस टेक्नोलॉजी

सीतारमण ने संसद में उदाहरण देते हुए कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान हथियारों की कमी ने भारत को भारी नुकसान पहुंचाया था, और राष्ट्र को फिर कभी उस स्थिति में नहीं पहुंचना चाहिए।

राज्यों को भी मिलेगा फंड का हिस्सा

राज्य सरकारों की चिंता थी कि सेस के राजस्व का बंटवारा कैसे होगा। इस पर केंद्र ने स्पष्ट किया कि—

  • राज्यों को भी स्वास्थ्य योजनाओं के लिए उपकर में से हिस्सा मिलेगा।

  • यह राशि राज्य के अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल सुविधाओं में सुधार पर खर्च की जाएगी।

क्यों जरूरी था नया ‘Health + Defense’ सेस?

आज की वैश्विक परिस्थितियों में युद्ध सिर्फ बंदूकों से नहीं लड़े जाते। अब जरूरत है—

  • साइबर सुरक्षा

  • स्पेस टेक्नोलॉजी

  • मिसाइल डिफेंस सिस्टम

  • प्रिसिजन वेपन्स

  • आर्टिफिशल इंटेलिजेंस आधारित सैन्य उपकरण

इन सभी को तैयार करने और खरीदने के लिए स्थायी फंडिंग की आवश्यकता है। सरकार के अनुसार डीमेरिट गुड्स पर सेस ऐसा विकल्प है जो—
 आम जनता पर सीधा बोझ नहीं डालता
 स्वास्थ्य सुधार में मदद करता है
 राष्ट्रीय सुरक्षा को स्थायी वित्त उपलब्ध कराता है

विपक्ष ने क्या कहा?

राज्यसभा में विपक्ष ने सवाल उठाया कि—
“पान मसाला से मिलने वाले टैक्स को रक्षा पर क्यों खर्च किया जाए?”

सरकार ने जवाब दिया—
क्योंकि ये उत्पाद साइबर हमलों की तरह अदृश्य नहीं, बल्कि वास्तविक और महंगे स्वास्थ्य संकट पैदा करते हैं। इसलिए उनका टैक्स सबसे सही ‘दोहरी उपयोग’ (Dual Purpose) मॉडल है।

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