UPI में ऐतिहासिक बदलाव: अब FD, गोल्ड, प्रॉपर्टी और लोन अकाउंट से भी कर सकेंगे पेमेंट, जानिए नई गाइडलाइंस: प्रीति अग्रवाल
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बड़ा बदलाव करते हुए बैंकों और फिनटेक कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे 31 अगस्त 2025 तक अपने सिस्टम में जरूरी संशोधन करें। इसके बाद UPI यूज़र अपने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), गोल्ड लोन, प्रॉपर्टी पर लिए लोन, शेयर/बॉन्ड आधारित अकाउंट और व्यक्तिगत या बिजनेस लोन अकाउंट को सीधे अपने UPI ऐप (Paytm, PhonePe, Google Pay आदि) से लिंक कर पाएंगे और इन अकाउंट्स से पेमेंट कर सकेंगे।
अब ग्राहक अपने FD, गोल्ड, प्रॉपर्टी, शेयर–बॉन्ड जमा या लोन के विरुद्ध स्वीकृत क्रेडिट लाइन को UPI से लिंक कर सकते हैं।
इन अकाउंट्स से न सिर्फ प्री-अप्रूव्ड मर्चेंट ट्रांजैक्शन (P2M) बल्कि पर्सन-टू-पर्सन (P2P) और छोटे व्यापारियों को भी पेमेंट (P2PM) किया जा सकेगा।
छोटे व्यापारियों को, जिनका मासिक UPI ट्रांजैक्शन 50,000 रुपये से कम है, भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।
ट्रांजैक्शन की सीमा बैंकों और लेंडर की नीति के अनुसार तय होगी—सामान्यतः क्रेडिट लाइन या लोन सीमा के अंदर।
केवल RBI, NPCI और संबंधित बैंकों के नियमों (जैसे डिजिटल KYC, रिस्क असेसमेंट) का पालन करना आवश्यक।
FD, गोल्ड, प्रॉपर्टी इत्यादि के विरुद्ध क्रेडिट सुविधा उन्हीं ग्राहकों को मिलेगी, जिन्हें उनके बैंक/एनबीएफसी द्वारा अर्हता प्रदान की जाएगी।
छोटे और मध्यम व्यापारी, जिन्हें बिजनेस के लिए तेज फंडिंग और फ्लेक्सिबल पेमेंट की जरूरत होती है।
वे ग्राहक, जो अपने FD, गोल्ड, शेयर या प्रॉपर्टी के मुकाबले लोन लेते हैं, अब तुरंत UPI से किसी को भी भुगतान कर सकेंगे।
सामान्य ग्राहक भी गोल्ड लोन, शेयर-बॉन्ड या FD के मुकाबले UPI से बिल, शॉपिंग, शुल्क, या किसी भी ट्रांजैक्शन को आसान बना सकते हैं।
सभी बैंक, पीएसपी और UPI ऐप प्रोवाइडर NPCI की गाइडलाइन मानकर तकनीकी तैयारी में लगे हैं।
ट्रांजैक्शन लिमिट्स और शुल्क हर बैंक और प्रोडक्ट पर अलग-अलग हो सकते हैं।
यह सुविधा जोखिम मूल्यांकन, उधारी पात्रता और रेगुलेटरी गाइडलाइंस के आधार पर बैंक/एनबीएफसी के विवेकाधिकार पर उपलब्ध होगी।
यूपीआई प्लेटफॉर्म अब और अधिक विविध, लचीला और ग्राहकों के लिए सशक्त हो गया है। नए नियमों से डिजिटल पेमेंट की पहुंच और भी व्यापक होगी, जिससे आम लोगों के साथ-साथ छोटे कारोबारियों के लिए फंड फ्लो व पेमेंट की पूरी प्रक्रिया आसान और तेज हो जाएगी।









